हमने सब शेर में संवारे थेहमसे जितने सुखन तुम्हारे थे (सुखनः बातचीत) मरने के…
Tag:
faiz ahmead faiz
-
-
“हज़रात! ये जलसा हमारी अदब की तारीख़ में एक यादगार वाक़या है। हमारे…
-
تیرگی ہے کہ امنڈتی ہی چلی آتی ہےشب کی رگ رگ سے لہو…
-
In this beautiful nazam, Faiz laments about the country and its condition. He…
-
मौज़ू-ए-सुखन गुल हुई जाती है अफ़सुर्दा सुलगती हुई शामधुल के निकलेगी अभी चश्म-ए-माहताब…