चूल्ह मिट्टी का मिट्टी तालाब की तालाब ठाकुर का  भूख़ रोटी कि रोटी बाजरे कि बाजरा ठाकुर का  बैल ठाकुर का हल ठाकुर का हल कि मूठ पर हथेली अपनी फ़सल ठाकुर कि  कुआँ ठाकुर का पानी ठाकुर का खेत-खलिहान ठाकुर के गली-मोहल्ले ठाकुर …

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मौज़ू-ए-सुखन गुल हुई जाती है अफ़सुर्दा सुलगती हुई शामधुल के निकलेगी अभी चश्म-ए-माहताब से रातऔर मुश्ताक निगाहों की सुनी जाएगीऔर उन हाथों से मस होंगे ये तरसे हुए हाथ उन …

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